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2. वेदभाष्य (सम्पूर्ण) हिंदी (Four Vedas (Hindi)

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2. वेदभाष्य (सम्पूर्ण) हिंदी (Four Vedas (Hindi)

complete 8 volume set of ved in hindi and sanskrit
 
 https://www.vedrishi.com/book/ved-bhasya-complete/
 
मनुष्य की विशिष्टता यह है कि वो ब्रह्माण्ड में अन्य जीवों की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान है। उसे जीवन निर्वाह और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग हे तु ज्ञान की आवश्यकता होती है, किन्तु यह ज्ञान स्वाभाविक न हो कर यत्नसाध्य है। मनुष्य प्रारम्भिक ज्ञान अपने माता – पिता और गुरूजनों से सीखता है अतः मनुष्य को निमित्त ज्ञान की आवश्यकता होती है। इससे एक प्रश्न उठता है कि सृष्टि के आरम्भ में जब सर्गारम्भ में जो मनुष्य उत्पन्न हुए थे, उन्हें ज्ञान किसने दिया था? क्योंकि उस समय कोई उनका देहधारी पिता-माता या गुरू नहीं था। अतः उस समय भी कोई ऐसी सत्ता होना अपेक्षित है जो उन्हें ज्ञान दे सके, इसीलिए ईश्वर और ईश्वरीय ज्ञान की सत्ता अपेक्षित है। महर्षि पतञ्जलि ने इसीलिए ईश्वर को गुरूओं का गुरू कहा है – “स एषः पूर्वेषामपि गुरूः कालेनानवच्छेदात्”(यो.द.1.26)।
 
भारतीय मनीषा का चिरन्तन विश्वास है कि – वेद ईश्वरीय ज्ञान है। कोई ज्ञान ईश्वरप्रदत्त है या नहीं, इसकी निम्न कसौटी है –
1) वह ज्ञान ईश्वर के गुण-कर्म-स्वभाव के अनुकूल हो।
2) सृष्टिक्रम के अनुकूल हो।
3) वह ज्ञान देशकाल की सीमाओं में आवद्ध न होकर मनुष्य मात्र के लिए एक समान उपयोगी हो।
4) किसी भी व्यक्ति, देश-काल का इतिहास वर्णित न हो।
 
इन सब कसौटियों पर वेद ही विश्व का एकमात्र ग्रन्थ है जो कि खरा उतरता है किन्तु वेद ज्ञान को समझने के लिए उसका अर्थ सहित चिंतन आवश्यक है। महर्षि यास्क ने निरूक्त में कहा है – “यदगृहीतविज्ञात निगदेनैव शब्द्यते |
अंगनाविव शुष्केधो न तज्ज्वलति कर्हिचित” – निरुक्त १/१८
अर्थात जो बिना अर्थ ज्ञान के उच्चारण किया जाता है। अग्निरहित अवस्था में जैसा सुखा ईधन है, वैसे ही वह भी है अर्थात् जलता नही है।
 
वेदों के अर्थों और ज्ञान को समझने के लिए, इस ज्ञान में प्रवेश के लिए वेदों के भाष्य अर्थात् व्याख्या की आवश्यकता है। वेद भाष्य करने के लिए निम्न शर्तों का होना आवश्यक है –
1) वेदभाष्य में ऋषि, देवता, छन्द और स्वरों को ध्यान में रखते हुए, वेदों का भाष्य हो।
2) वेदों के शब्द यौगिक है इसलिए उनकें व्याकरण, निरूक्त और ब्राह्मणग्रन्थों के द्वारा उचित निर्वचन रखने चाहिए।
3) वेदों के किए गए अर्थों में आपस में वदतु व्याघात दोष न हो।
4) अर्थ प्रकरण को भंग न करे।
ये वेदार्थ की कसौटी है।
 
प्रस्तुत वेदों के भाष्य परोपकारिणी सभा, अजमेर से प्रकाशित है। ये सब भाष्य उपरोक्त नियमों पर खरे उतरते हैं। इन भाष्यों की निम्न विशेषताएँ हैं –
1) इसमें स्वामी दयानन्द जी द्वारा किया गया, संस्कृत में पदार्थान्वय और भावार्थ सम्मलित है जो कि अन्य प्रकाशित संस्करणों में नहीं है।
2) पाठों को शुद्धतम करके रखा गया है।
3) इसमें आर्यमुनि जी कृत वेदों की भूमिका और उपसंहार को भी सम्मलित किया गया है जिसमें वेदों से सम्बन्धित अनेकों महत्त्वपूर्ण लेख है।
4) अथर्ववेद के भाष्य में मुख्य मुख्य काण्डों की पूर्व में भूमिका प्रस्तुत की गई है।
5) इनमें स्थान-स्थान पर सायण, महीधर और मैक्समूलर के भाष्यों की समीक्षा की गई है।
 
इन वेदभाष्यों में मुख्यतः जिन विषयों पर प्रकाश डाला है, वह निम्न प्रकार है –
 
ऋग्वेदभाष्यम् – यह भाष्य 13 खंडों में है। इसमें 7 वें मण्डल से 61 वें सूक्त तक का भाष्य स्वामी दयानन्द जी कृत है तथा शेष भाष्य आर्य्य मुनि जी और ब्रह्ममुनि जी रचित है।
जिनमें प्रमुख रूप से अग्नि विद्या, विमान विद्या, चिकित्सा विज्ञान, पवन और सूर्य ऊर्जा विज्ञान, गणित विद्या, राजनीति, सृष्टि रचना, अर्थशास्त्र, शिल्प विद्या, धातु विद्या, भूगर्भ विद्या, विद्युत विद्या आदि का वर्णन है। इन सब भौत्तिक विद्याओं के साथ-साथ आध्यात्मिक तथ्य और अन्य व्यवहारिक शिक्षाओं का भी ऋग्वेद में समावेश है।
 
यजुर्वेदभाष्यम् – यह भाष्य 4 खण्डों में है। यह सम्पूर्ण भाष्य स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा विरचित है। ऋग्वेद में ईश्वर ने गुण और गुणी के विज्ञान के प्रकाश के द्वारा सब पदार्थ प्रसिद्ध किये हैं, उन मनुष्यों को पदार्थों से जिस-जिस प्रकार यथायोग्य उपकार लेने के लिये क्रिया करनी चाहिए तथा उस क्रिया के जो-जो अङ्ग वा साधन है, वे सब यजुर्वेद में प्रकाशित किये हैं।
 
https://www.vedrishi.com/book/ved-bhasya-complete/
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ATHARVAVEDA SAMHITA (Three Valuem)

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Four Vedas (English)

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Four Vedas (English)

Author : Dr. Tulsiram

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RGVEDA SAMHITA (Four Valuem)

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अथर्ववेद

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अथर्ववेद

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अथर्ववेद

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अथर्ववेद

ग्रन्थ का नाम – अथर्ववेद भाष्यकार –  पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी …

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अथर्ववेद भाष्य (3 खंडों में) अजमेर

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अथर्ववेद भाष्य (3 खंडों में) अजमेर

अथर्ववेदभाष्यम् भाष्यकार – प्रो. विश्वनाथ विद्यालङ्कार जी अथर्ववेद में ज्ञान, …

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ऋग्वेद संहिता (चार खण्डों में)

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ऋग्वेद संहिता (चार खण्डों में)

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ऋग्वेद, स्वामी दयानन्द भाष्य (4 खंडों में)

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ऋग्वेद, स्वामी दयानन्द भाष्य (4 खंडों में)

सम्पूर्ण ऋग्वेद भाष्य प्रथम बार कंप्यूटर द्वारा मुद्रित, शुद्धतम् सामग्री, …

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चारों वेद (भाष्यकार: पण्डित हरिशरण सिद्धान्तालंकार) (14 खंडों में)

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चारों वेद (भाष्यकार: पण्डित हरिशरण सिद्धान्तालंकार) (14 खंडों में)

 

 

चारों वेद (14 volumes )

भाष्यकार: पण्डित हरिशरण सिद्धान्तालंकार

दिव्य ज्ञान वेद प्रभु वाणी है. इस का विस्तार कर मानव जीवन में सुख, शान्ति व ऐश्वर्य वृद्धि का प्रयास करने वाले ही परमपिता परमात्मा को प्रिय होते हैं. पण्डित हरिशरण सिद्धान्तालंकार ईश्वर के एक ऐसे ही प्रिय पुत्र थे. आजीवन ब्रह्मचारी रहकर उन्होंने निरंतर वेदों का स्वाध्याय किया और इससे अर्जित ज्ञान को वाणी व लेखनी से जन-जन तक पहुँचाया.

पण्डित हरिशरण सिद्धान्तालंकार ने स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की निर्दिष्ट पद्धति के अनुसार वेद भाष्य किया है. वह निरुक्त एवं व्याकरण के अप्रतिम विद्वान थे. वेद मन्त्रों की शास्त्रीय दृष्टि से व्याख्या करने तथा संगति लगाने में उनकी प्रतिभा अपूर्व थी. व्याकरण, धातु पाठ से युक्त उनका यह भाष्य जहाँ उद्भट विद्वानों के लिए विचार विमर्श की सामग्री प्रस्तुत करता है, वहीँ सामान्य पाठक के लिए यह अत्यन्त प्रेरणादायक, रोचक, सरल, सुबोध एवं सहज में हृदयंगम हो जाने वाला है.

 

 

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यजुर्वेद

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यजुर्वेद

Name/नाम Yajurved
Author-Editor/लेखक-संपादक Swami Dayanand Saraswati
Language/भाषा Hindi
Edition/संस्करण  
Size/आकार 22 csm x 14 cms
Publisher/प्रकाशक Govindram Hasanand
Publication Year/प्रकाशन वर्ष  
Pages/पृष्ठ 1424
Binding Style/बंधन शैली Hard Cover
ISBN/SKU book00139
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यजुर्वेद भाष्यम्

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यजुर्वेद भाष्यम्

यजुर्वेदभाष्यम् (प्रथमो भागः) भाष्यकार – श्रीमद्दयानन्द सरस्वती जी यज् धातु …

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यजुर्वेद भाष्यम् Yajurved Bhashyam (पंडित ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी )

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यजुर्वेद भाष्यम् Yajurved Bhashyam (पंडित ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी )

वेद ऋषि पर नवीन प्रकाशन ============================================ यजुर्वेद भाष्यम् ( दो …

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यजुर्वेद संहिता

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यजुर्वेद संहिता

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वेद परिचय

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वेद परिचय

पुस्तक का नाम: – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद एक सरल …

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सम्पूर्ण वेद भाष्य (अजमेर)

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सम्पूर्ण वेद भाष्य (अजमेर)

 सम्पूर्ण वेद भाष्य (अजमेर) सम्पूर्णवेदभाष्यम् भाष्यकार – ऋग्वेदभाष्यम् – स्वामी …

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सामवेद

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सामवेद

पुस्तक का नाम – सामवेद (आध्यात्मिक मुनिभाष्य) भाष्यकार – ब्रह्ममुनि …

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सामवेद (पण्डित रामनाथ वेदालंकार)

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सामवेद (पण्डित रामनाथ वेदालंकार)

Name/नाम Saamved
Author-Editor/लेखक-संपादक Pandit Ramnath Vedalankaar
Language/भाषा Hindi
Edition/संस्करण  
Size/आकार  
Publisher/प्रकाशक Govindram Hasanand
Publication Year/प्रकाशन वर्ष  
Pages/पृष्ठ 1274
Binding Style/बंधन शैली Hard Cover
ISBN/SKU 978-81-7077-190-6/book00127
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