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पुस्तक का नाम – दैवीभाषा प्रकाश
शोधकर्त्ता – जगदीश प्रसाद
प्रस्तुत् पुस्तक में भाषा उत्पत्ति के अनेकों कारणों पर विचार करते हुए भाषा उत्पत्ति के दैवीसिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में भाषा उत्पत्ति और उसके कारणों पर विचार प्रकट किया गया है।
विकासवाद का खंडन करते हुए लिखा है कि भाषा की उत्पत्ति अभाव से भावरुप नहीं होती है अपितु दैवीय सिद्धान्तवादी भाषावैज्ञानिकों के विचार वाली तिरोहण से प्रकटीकरण रुपी उत्पत्ति होती है। इसी तथ्य को प्रमाणों के सहित सिद्ध किया है।
प्रस्तुत् पुस्तक में शिक्षा, व्याकरण, दर्शन आदि के अनेकों ग्रंथों के प्रमाण दिए हुए है, साथ ही अन्य भारतीय, पाश्चात्य भाषा वैज्ञानिकों के मतों का संकलन किया है।
ये पुस्तक शोधार्थियों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है।