वैदिक सम्पत्ति
Vedic Sampatti
Quantity
- By : Pt. Raghunandan Sharma
- Subject : Vedic Research
- Category : Research
- Edition : 2014
- Publishing Year : 2014
- SKU# : N/A
- ISBN# : 9788187961178
- Packing : N/A
- Pages : 751
- Binding : Hard Cover
- Dimentions : 10.0 INCH X 7.5 INCH
- Weight : 1570 GRMS
Keywords : Vedas Research Dharma Shri Krishna Shri Ram
वैदिक सम्पत्ति में उन सभी विषयों को बताया गया है, जो मानव सभ्यता के आधार रूप हैं। भाषा का उद्भव कैसे हुआ? लिपि का वर्तमान स्वरूप कैसे बना? भौतिकवाद, साम्यवाद, प्रकृतिवाद इत्यादि वादों से पूर्व कौन सा वाद था? आर्यसभ्यता क्यों महत्त्वपूर्ण है? वेद कैसे अपौरुषेय हैं? इत्यादि सभी प्रश्नों को वेद, पुराण, उपनिषद्, अंग्रेजी ग्रन्थ और महापुरुषों के वचनों से परिलक्षित किया गया है।
वर्तमान समय में ईश्वर, धर्म, वेद और मोक्ष ये सब असंगत बातें हैं। ऐसा कह कर आर्यसंस्कृति को महत्त्वहीन सिद्ध करने वालों को वैदिक सम्पत्ति में ये प्रतिपादित किया गया है कि, क्यों ईश्वर, धर्म और मोक्ष जैसे विषय अत्यन्त उपयोगी है। बिना ईश्वर में माने, बिना ईश्वर प्राप्ति का उपाय किये, बिना सदाचार का अनुष्ठान किये मानव सभ्यता की आर्थिक, सामाजिक और राष्ट्रिय जटिलता हल नहीं हो सकती। इन विचारों के बिना मनुष्य में समता, दया, प्रेम और त्याग के संस्कार संचित नहीं हो सकते, जिससे बर्बरता, व्यभिचार, ठगी जैसे कई अवांछित दुर्गणों को वेग मिलेगा।
जातिवाद, सम्प्रदायवाद और कौमवाद पर चोट करने के लिये और आर्यसभ्यता के वास्तविक स्वरूप को दर्शाने के लिये इस ग्रन्थ में सोदाहरण प्रयास किये गये हैं। भौतिकविज्ञान, जीवविज्ञान, पशुविज्ञान, शिक्षा इत्यादि विषयों पर आज भी सब प्रयास रत हैं, वहाँ वेद में उल्लिखित सटीक बातों को विस्तार से बताया गया है।
वैदिक संस्कृत, भारतीय परम्परा और भारत में उत्पन्न ज्ञान भण्डार को जानने के लिये ये अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है।